प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में शुरू की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना, जिसे आम तौर पर पीएम किसान योजना के नाम से जाना जाता है, देश के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजती है, जिससे उन्हें उनकी कृषि गतिविधियों में मदद मिलती है।
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योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। सरकार द्वारा दी जाने वाली यह राशि किसानों को उनकी खेती से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है और वे अपने कृषि कार्य को बेहतर तरीके से कर पाते हैं।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है:
- यह योजना सरकारी वेतनभोगी किसानों के लिए उपलब्ध नहीं है।
- करदाता या राजनीतिक पद रखने वाले किसान भी इसके लिए पात्र नहीं हैं।
- आवेदक की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
- सरकारी पेंशन पाने वाले किसानों के लिए इस योजना का दरवाज़ा बंद है।
लाभार्थी सूची की जाँच का महत्व
योजना में पंजीकरण के बाद, यह ज़रूरी है कि किसान लाभार्थी सूची में अपना नाम जाँच लें। यह सूची सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध है। इस सूची में नाम होने का मतलब है कि आने वाले समय में आपको इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
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लाभार्थी सूची की जाँच कैसे करें?
- सबसे पहले वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएँ।
- होम पेज पर ‘लाभार्थी’ पर क्लिक करें।
- अपना जिला, तहसील और गाँव चुनें।
- ‘रिपोर्ट प्राप्त करें’ पर क्लिक करें।
- खुली हुई पीडीएफ फाइल में अपना नाम खोजें।
किस्तों का वितरण
इस योजना के तहत पात्र किसानों को साल में कुल 6,000 रुपये मिलते हैं। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है, प्रत्येक किस्त 2,000 रुपये की होती है। ये किस्तें पूरे साल तय समय पर किसानों के खातों में भेजी जाती हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता कार्यक्रम है। यह न केवल उनकी आय बढ़ाने में मदद करता है बल्कि उन्हें खेती से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने में भी सहायता प्रदान करता है। किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराना चाहिए और लाभार्थी सूची को नियमित रूप से जांचना चाहिए। इस तरह, वे सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें समय पर वित्तीय सहायता मिल रही है, जो उनकी कृषि गतिविधियों को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकती है।